आईए मन की गति से उमड़त-घुमड़ते विचारों के दांव-पेंचों की इस नई दुनिया मे आपका स्वागत है-कृपया टिप्पणी करना ना भुलें-आपकी टिप्पणी से हमारा उत्साह बढता है

सोमवार, 31 दिसंबर 2012

नव-वर्ष में उगते सूरज की सुनहरी रश्मियाँ

 नव-वर्ष में उगते सूरज की  
सुनहरी रश्मियाँ 
समाहित हो जन-मानस के 
रग रग में 
कर दे समूल नष्ट 
शारीरिक व्याधियों को,
मानसिक विकृतियों को।
नव वर्ष के उगते सूरज की 
 सुनहरी रश्मियाँ
उखाड़ फ़ेंक दुनिया से 
हर तरह के विकार 
अत्याचार,दुराचार,व्यभिचार,
दो हजार बारह की तरह 
हो न फिर से समूचा राष्ट्र शर्मसार
नव वर्ष की बहुत बहुत बधाइयों सहित 
जय जोहार ......................................

2 टिप्‍पणियां:

संध्या शर्मा ने कहा…

प्रतीक्षा है सूर्योदय की... नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ....

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

नव वर्ष समस्त चराचर जगत के लिए मंगलमय हो, इसी कामना के साथ शुभकामनाएं