आईए मन की गति से उमड़त-घुमड़ते विचारों के दांव-पेंचों की इस नई दुनिया मे आपका स्वागत है-कृपया टिप्पणी करना ना भुलें-आपकी टिप्पणी से हमारा उत्साह बढता है

शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

माटी के मितान

माटी के मितान
माटी के मितान कथें तोला जी किसान रहै नाँगर धियान देख बरसात आगै जी।
खेत के जोतान संग धान के बोवान जँहा माते हे किसान देख मन हरसागै जी।।
मनखे ल जान होथें स्वारथ के खान कथें तोला भगवान साध मतलब भागैं जी।
परै न जियान जब होवस हलकान तँह देथस परान सोच करजा लदागै जी।।
जय जोहार....
सूर्यकांत गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग (छ. ग.)